कामरेड अजय राजकुंवर

Rajkuwar Ajay Singh
राजकुंवर अजय सिंह

असम के वरिष्ठ भाकपा-माले व ऐक्टू नेता का. अजय राजकुंवर अब हमारे बीच नहीं रहे. 13 सितंबर को चेन्नै में हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हुई, वहां वे अपने मेडिकल चेक-अप के लिए गए थे. वे लंबे समय से गुर्दे और लीवर की बीमारी से जूझ रहे थे. का. अजय असम में मजदूर वर्ग आन्दोलन के और खासकर पावर सेक्टर (बिजली) मजदूरों के एक लोकप्रिय व साहसी श्रमिक नेता थे. वे असम राज्य बिजली मजदूर यूनियन के संस्थापक नेता थे और वे असम राज्य बिजली बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ निरंतर प्रतिरोध आन्दोलन खड़ा करते रहे. अपनी गंभीर बीमारी के बावजूद वे अंतिम सांस तक ट्रेड यूनियन कार्य को आगे बढ़ाते रहे थे. का. राजकुंवर के नेतृत्व में असम के बिजली क्षेत्र में 72 घंटे की ऐतिहसिक हड़ताल संगठित की गई थी. दूसरी ओर, उन्होंने असम के बिजली मजदूरों को देश के मुख्यधारा के मजदूर आन्दोलन के साथ भी जोड़ा था. का. राजकुंवर के ही नेतृत्व में असम का बिजली मजदूर आन्दोलन वामपंथ की ओर अग्रसर हुआ और आंचलिक धारा के मजबूत प्रभाव से बाहर निकल कर मुख्यधारा चरित्र का बन गया.

का. अजय ने सदौ असम जन-सांस्कृतिक परिषद के एक्टिविस्ट के बतौर अपना जीवन शुरू किया और वे 1982 में भाकपा-माले से जुड़ गए. सर्वाधिक ईमानदार, जिम्मेवार, गतिशील और खुले मन के कार्यकर्ता के बतौर उन्होंने तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान अर्जित किया था. अपने पार्टी जीवन की यात्रा में वे पार्टी की असम राज्य कमेटी में भी चुने गए थे. पार्टी से जुड़े वर्गीय व तबकागत संगठनों के साथ-साथ उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ भी नजदीकी संपर्क बनाए रखा था. वे अपने पीछे अपनी पत्नी और दो पुत्रों को छोड़ गए हैं. उनकी मृत्यु से पार्टी ने अपना एक लंबे समय का कार्यकर्ता खोया है और मजदूर वर्ग आन्दोलन ने सबसे लोकप्रिय, गतिशाील व अडिग श्रमिक नेता खो दिया है.

का. राजकुंवर को लाल सलाम!