राजस्थान में मोहम्मद अफराजुल की भयावह हत्या के खिलाफ देशव्यापी प्रतिवाद

राजस्थान में मोहम्मद अफराजुल की भयावह हत्या के खिलाफ देशव्यापी प्रतिवाद

6 दिसंबर 2017 को राजस्थान के राजसमंद में 45-वर्षीय मोहम्मद अफराजुल को बर्बर तरीके से जलाकर मार डाला गया. जब हत्यारा इस भयावह कार्रवाई को अंजाम दे रहा था, तभी इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग करके उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया. इसमें हत्यारे को यह कहते सुना जा सकता है कि उसने ‘लव जेहाद’ से एक महिला को बचाने के लिए उसे मारा है और वह हिंदू-मुस्लिम रिश्तों के  अन्य मामलों का भी हवाला दे रहा था और कह रहा था कि वह ‘उनमें से हर एक को पकड़कर मार डालेगा’. यह राजस्थान में नफरत-अपराधों के उस सिलसिले की ही एक कड़ी है जिसमें पहलू खान, उमर खान और जफर खान की जान गई है. राजसमंद की यह हत्या वारदात स्पष्टतः मुस्लिमों के खिलाफ चलाई जा रही नफरत मुहिम का ही हिस्सा है. हत्यारे ने फिल्म पद्मावती और पीके (जिसमें एक भारतीय हिंदू लड़की और पाकिस्तानी मुस्लिम नौजवान के बीच प्रेम संबंध को दिखाया गया है) तथा ‘लव जेहाद’ को लेकर अपने बयान में जो कुछ कहा है उससे इस बर्बर नफरत अपराध के पीछे छिपी विचारधारा ही उजागर होती है.

हम कठोरतम शब्दों में इस हत्या की निंदा करते हैं और राजस्थान की मुख्यमंत्री से फौरन इस्तीफे की मांग करते हैं जो इस आतंक राज को खत्म कर पाने में पूरी तरह विफल रही हैं. भाकपा-माले और ऐक्टू की राजस्थान इकाई ने भी मोहम्मद अफराजुल के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और इस मामले की त्वरित न्यायालय में सुनवाई करने की मांग की है.

इस भयावह हत्या के बाद राजस्थान समेत पूरे देश में वामपंथी संगठनों और अन्य प्रगतिशील ताकतों की ओर से प्रतिवाद आयोजित किए गए. बिहार के बेगूसराय. में अफराजुल की साम्प्रदायिक हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किये गये.

मो. अफराजुल की हत्या का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आयकर भवन के समीप स्थित राजस्थान भवन के सामने धरना दिया गया. जुलूस का नेतृत्व भाकपा (माले) की पश्चिम बंगाल राज्य कमेटी के सचिव पार्थ घोष, ऐक्टू नेता बासुदेव बोस, मीना पाल, अतनु चक्रवर्ती, धीरेश गोस्वामी, ऐपवा राज्य सचिव इन्द्राणी दत्त आदि ने किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे से दोषियों को सजा देने में नाकामी तथा ऐसे अपराधों को दिये जा रहे संरक्षण के लिये सार्वजनिक रूप से जनता से माफी मांगने को कहा. पश्चिम बंगाल के मालदह जिले के कालीचक में भी प्रतिवाद सभा की गई - मो. अफराजुल मूलतः मालदह के रहने वाले थे और वे रोजी-रोटी कमाने राजस्थान चले गए थे. यहां ऐक्टू की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मीना पाल ने प्रतिवाद सभा को संबोधित किया. भाकपा (माले) के मालदह जिला सचिव इब्राहिम कालीचक में अफराजुल के परिवार से मिलने गए.

दिल्ली में 9 दिसंबर को बीकानेर भवन के सामने संयुक्त नागरिक प्रतिवाद संगठित किया गया. सैकड़ों लोगों ने इस प्रतिवाद में शामिल होकर अफराजुल के लिए न्याय तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से फौरन इस्तीफे की मांग की. इस प्रतिवाद में अनेक ऐक्टू, आइसा समेत कई प्रगतिशील संगठनों, व्यक्तियों और वामपंथी पार्टियों ने हिस्सा लिया.