Sewage/sanitation/cleanness

The Forgotten Frontline Workers: Safai Karamcharis, Hospital D-Group Workers, ASHA Workers and Crematorium Workers

While everyone is speaking about the doctors and nurses, who are most definitely working on the frontlines and whose services are, of course, laudable during this pandemic, it is necessary for us to remember the frontline workers who are often neglected – the Safai Karamcharis / Sanitation Workers, the D-Group workers in hospitals, ASHA Workers and Crematorium workers.

As Forgotten as the Dead: The Invisible Work of Crematorium and Cemetery Workers

With an increase in the number of COVID-19 cases and deaths during the 2nd wave of the pandemic, the country is facing an inordinate stress on crematoriums and cemeteries for disposal of the dead. We continue to hear the news of how local authorities are identifying mass cremation centers to deal with the situation or how electric crematoriums are breaking down due to the load and cities are running out of burial space.

बंगलौर में सफाई मजदूरों का प्रतिवाद

बंगलौर के सफाई मजदूरों ने ‘‘बीबीएमपी गुटिगे पौरकार्मिकार संघ’’ (संबद्ध ऐक्टू) के बैनर तले 9 जुलाई 2019 को प्रतिवाद संगठित करके कर्नाटक के वन विभाग के एक सहायक वन संरक्षक पीएन हर्षवर्धन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. हर्षवर्धन ने कहा था कि सफाई मजदूरों को यह समझाने के लिये कि कूड़ाघर की कैसी सफाई होनी चाहिये, उन्हें सड़ांधभरे कूड़ाघर के बगल में भोजन करने पर मजबूर किया जायेगा! उन्होंने कहा था कि ‘हमने उनके (सफाई मजदूरों के) लिये भोजन करने की जगह का इंतजाम कर लिया है और वह है कूड़ाघर के मुख्य द्वार के नजदीक, ताकि वे महसूस कर सकें कि यह कितना दुर्गंध देता है.

नगरी निकाय जनवादी सफाई कामगार संघ का 5वां दुर्ग जिला सम्मेलन

नगरी निकाय जनवादी सफाई कामगार संघ (संबद्ध ऐक्टू) का 5वां दुर्ग जिला सम्मेलन कर्मा भवन, सुपेला (भिलाई) में 30 जून 2019 को संपन्न हुआ. सम्मेलन की शुरूआत विगत दिनों में देशभर में सीवर सफाई के काम में मारे गये कर्मियों को श्रद्धांजलि देने से हुई. सम्मेलन के संचालन के लिये पांच-सदस्यीय अध्यक्षमंडल का गठन किया गया. महासचिव मनोज कोसरे द्वारा आधारपत्र रखा गया जिसपर प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे. सम्मेलन ने मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार के शासन में सफाई कर्मियों के बदतर होते हालातों और राज्य में सफाई कर्मियों के आंदोलन को तेज करने की योजना पर चर्चा की.

राष्ट्रीय कन्वेंशन में जंतर मंतर पर जुटे देश भर के सफाई कर्मचारी

बहुत हुआ मोदी के स्वच्छ भारत का जुमला, मैला ढोने की प्रथा खत्म करो, सफाई कर्मियों को अधिकार और सम्मान सुनिश्चित करो!

कुछ ही दिन पहले की बात है जब बिहार के दो सफाई कर्मी, विकास पासवान और दिनेश पासवान, की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में एक सीवेज टैंक की सफाई करते हुए जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई थी. उस इलाके का सीवेज टैंक दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ा हुआ था जिसका इन दर्दनाक मौतों के दो ही दिन बाद मोदी ने उद्घाटन किया था. प्रधानमंत्री के मुंह से इन सफाई कर्मियों के लिए एक शब्द तक नहीं निकला, क्या यही है मोदी के स्वच्छ भारत का असल चेहरा?

ऑल इंडिया म्युनिसिपल वर्कर्स फेडरेशन का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

ऑल इंडिया म्युनिसिपल वर्कर्स फडरेशन (एआईएमडब्लूएफ-संबद्ध ऐक्टू) का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन 25 अगस्त 2018 को पुणे महानगरपालिका कर्मचारी यूनियन के कार्यालय, श्रमिक भवन, शिवाजी नगर (का. ए.डी. भोसले नगर, का. स्वपन मुखर्जी सभागार एवं का. डी.पी. बक्शी मंच) में सम्पन्न हुआ.