प्रिकोल मजदूरों के संबंध में मद्रास हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला पुष्टि करता है कि श्रमिक अधिकार मौलिक अधिकार हैं
कोयम्बतूर स्थित प्रिकोल कंपनी के मजदूरों के एक मामले में श्रम कानूनों की पुष्टि करता हुआ तमिलनाडु हाईकोर्ट का एक हालिया फैसला ट्रेड यूनियन आंदोलन और कार्यकर्ताओं के लिए एक दुर्लभ एवं स्वागतयोग्य राहत बन कर आया है. यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में विभिन्न न्यायालयों में मजदूर-विरोधी फैसलों की बाढ़ सी आ गई है. तमिलनाडु हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वी. परथिबन ने यह फैसला दिया कि मजदूरों के यूनियन बनाने के अधिकार का उल्लंघन करना और मजदूरों को उनके बकाया देने में देरी करने के बहाने करना, संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला बनता है.