सूचना-जानकारी-पहलकदमी

प्रिकोल मजदूरों के संबंध में मद्रास हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला पुष्टि करता है कि श्रमिक अधिकार मौलिक अधिकार हैं

कोयम्बतूर स्थित प्रिकोल कंपनी के मजदूरों के एक मामले में श्रम कानूनों की पुष्टि करता हुआ तमिलनाडु हाईकोर्ट का एक हालिया फैसला ट्रेड यूनियन आंदोलन और कार्यकर्ताओं के लिए एक दुर्लभ एवं स्वागतयोग्य राहत बन कर आया है. यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में विभिन्न न्यायालयों में मजदूर-विरोधी फैसलों की बाढ़ सी आ गई है. तमिलनाडु हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वी. परथिबन ने यह फैसला दिया कि मजदूरों के यूनियन बनाने के अधिकार का उल्लंघन करना और मजदूरों को उनके बकाया देने में देरी करने के बहाने करना, संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला बनता है.

न्यूनतम मजदूरी पर विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट मोदी सरकार का मजदूरों की मेहनत पर डाका

मोदी सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा नियुक्त न्यूनतम मजदूरी पर विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट मजदूरों की मेहनत पर डाका है, मजदूर वर्ग पर हमलों का जारी रूप है.

जनसंघर्षों की बुलंद आवाज: का. महेंद्र सिंह और आज का समय

जननायक का. महेंद्र सिंह का 15वां शहादत दिवस

- मनोज भक्त

आज कामरेड महेंद्र सिंह का पंद्रहवां शहादत दिवस है. उनकी शहादत के बाद हर 16 जनवरी को बगोदर (झारखंड) में क्रांतिकारी कतारों की एक बड़ी जुटान होती है. इस दिन हिलोरें लेती जन-लहरें आने वाले समय का थर्मामीटर पढ़ती हैं. का. महेंद्र सिंह का शहादत दिवस एक महान जनयोद्धा को याद करना भर नहीं है. यह अपनी ताकत आंकने भर का भी दिन नहीं है. यह जन समुदाय के लिए दमनकारी सत्ता के खिलाफ ताकत इकट्ठा करने का दिन है. इस सत्ता के खिलाफ युद्ध को आवेग देने का दिन है.

सार्विक बुनियादी आय: अगला जुमला

2014 में मोदी ने अपने भाषणों में कहा था कि वे हर गरीब भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने की गारंटी करेंगे. अमित शाह ने बेशर्मी के साथ कहा यह ‘महज जुमला’ था.

2019 का संसदीय चुनाव निकट आने के साथ ही अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि इस संसद के अंतिम बजट सत्र में मोदी अपनी झोली से क्या निकालने वाले हैं.

कार्ल मार्क्स की जन्म द्विशतवार्षिकी पर कार्यक्रम

विश्व सर्वहारा के महान शिक्षक मार्क्स की द्विशतवार्षिकी पर 5 मई 2018 को समूचे देश में भाकपा-माले और ऐक्टू ने कार्यक्रम आयोजित किये. इस मौके पर भाकपा-माले द्वारा जारी लेख को हर जगह पढ़ा गया और कार्ल मार्क्स को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.   

पहली जंगे-आजादी और मार्क्स

यह वर्ष कार्ल मार्क्स के जन्म का द्विशताब्दी वर्ष है. भारत में जैसे ही मार्क्स और मार्क्सवाद की चर्चा होती है तो विरोधी तुरंत मार्क्स को एक ऐसा विचारक बता कर खारिज करने की कोशिश करते हैं, जो भारत के बारे में कुछ नहीं जानता था. लेकिन क्या सच में मार्क्स भारत के बारे में कुछ नहीं जानते थे ?

जी नहीं, भारत में 1857 की पहली जंगे आजादी का विस्फोट होने के कुछ वर्ष पहले से ही मार्क्स भारतीय समाज को देख रहे थे और उसके बारे में लिख भी रहे थे.

झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन ने निःशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया

मंथन संस्थान के सहयोग से ऐक्टू से संबद्ध झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन ने स्लम बस्ती हरमु के आजाद हिन्द नगर (टेटंगा टोली आखडा के सामने) अख्तर आवास मे निःशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया. नेत्र जांच शिविर में नेत्र चिकित्सक डॉक्टर एम हसन ने अपना योगदान दिया. 100 से अधिक मरीजों ने जांच करायी. शिविर में निर्माण एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों ने अपनी आँखों की जांच करायी. इस अवसर पर ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट, निर्माण मजदूर यूनियन के सुदामा खलखो, मंथन संस्थान के अमर कुमार, घरेलू कामगार नेता नजीया खातून  एवं लक्ष्मी देवी मुख्य रूप से उपस्थित थे.

 

मोजर बेअर इंडिया लि. में तालाबन्दी के शिकार कर्मचारियों के पक्ष में उठ खडे हों!

मोजर बेअर इंडिया लिमिटेड जो ग्रेटर नोएडा, उ.प्र. मे अवस्थित है, गत चार नवम्बर 2017 से तालाबंदी का शिकार है. आमतौर पर तालाबन्दी वहीं होती है जहां के कर्मचारी अपनी कुछ मॉगों के लिए आन्दोलन कर रहे होते हैं, लेकिन मोजर बेअर में इस तरह का कोई मामला भी नहीं था,

बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं बरसी: न्याय के लिये लड़ाई जारी है

25 वर्ष पहले बाबरी मस्जिद के गिराये जाने से भारत की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर जो घाव लगे थे, वे आज भी ताजा हैं. और भाजपा सरकार और उसके एजेन्टों द्वारा उसी जगह पर, जहां कभी मस्जिद खड़ी थी, मंदिर के निर्माण के लिये जिस कदर जोरदार प्रयास चलाये जा रहे हैं, उससे उन घावों पर नमक ही छिड़का जा रहा है.