बिहार में आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन

भीषण वर्षा व खराब मौसम की परवाह न करते हुए पूरे बिहार में 30 सितम्बर 2019 को आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर धरना-प्रदर्शन किया और चिकित्सा प्रभारी को चार सूत्री मांगपत्र सौंपा.

ये प्रदर्शन राज्य भर में पीएचसी के समक्ष बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (संबद्ध गोपगुट व ऐक्टू) के बैनर तले आयोजित हुए. 

महिला सशक्तिकरण की डींग हांकने वाली डबल इंजन (मोदी-नीतीश) की सरकार ने 38 दिन के हड़ताल आंदोलन के दरम्यान वार्ता में मानदेय का दर्जा देने की बात तय की थी और भाजपाई स्वास्थ्य मंत्री ने इसे पारितोषिक मे बदल दिया. मजदूर व कर्मचारी विरोधी इस सरकार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष तेज करने का आह्वान करते हुए आशा संघ और ऐक्टू के नेताओं शशि यादव, रामबली प्रसाद और रणविजय कुमार ने कहा कि अगर सरकार पारितोषिक को मानदेय में नहीं बदलती तो 14 अक्टूबर को सिविल सर्जन का घेराव किया जायेगा, और तब भी सरकार नहीं सुनती तो मुख्यमंत्री का घेराव किया जाएगा. 

राज्य के विभिन्न जिलों- पटना समेत रोहतास, भभुआ, मुंगेर, सीतामढ़ी, दरभंगा, खगड़िया, जहानाबाद, मुज्जफरपुर, पूर्वी चंपारण सहित कई जिलों में कार्यक्रम किया गया.