भारतीय किसानों के साथ एकजुटता में  ऑस्ट्रेलिया का ‘अडानी रोको’ अभियान

ऑस्ट्रेलिया के ‘अडानी रोको’ अभियान ने एक जन आंदोलन के रूप में पिछले दस वर्षों से अदानी कंपनी के देश के पर्यावरण को नष्ट करने वाले कोयला खदान खोदने के प्रोजेक्ट को रोका हुआ है. ‘अदानी रोको’ अभियान भारत के प्रधानमंत्री और गौतम अडानी के कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ खड़ा है.

अभियान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में जारी जबरदस्त क्रोनी पूंजीवाद समुदायों, परिवारों और पर्यावरण की कीमत पर अरबपतियों को बढ़ावा देता है. हालिया खबर कि भारतीय स्टेट बैंक ने अडानी को 5000 करोड़ रूपये का कर्ज दिया साबित करता है कि मोदी सरकार सिर्फ कॉरपोरेट के हित में काम कर रही है.

ऑस्ट्रेलिया में भी, सरकारों ने अडानी के कोयला खदान प्रोजेक्ट को जन राशि और खास तरीकों से नवाजा है, लेकिन जन विरोधों ने 2017 में अदानी को भेंट किये जा रहे 1 अरब डॉलर के सार्वजनिक लोन को रोक दिया था. ‘अडानी रोको’ आंदोलन सरकारी निर्णयकर्ताओं पर जन हित के लिये कार्रवाई करने को दबाव डालता रहेगा, और उन सब का समर्थन करेगा जो भारत में क्रोनी पूंजीवाद के खिलाफ संघर्षरत हैं. ‘अडानी रोको’ की प्रवक्ता और भारतीय-ऑस्ट्रेलियन मंजोत कौर ने कहाः ‘‘पंजाब में मेरा परिवार किसानों की कई पीढ़ियों से आता है, वही किसान जो आज मोदी और अडानी के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं...’’

ऑस्ट्रेलिया के एक इलाके सेंट्रल क्वीन्स्लैंड के किसान साइमन गेड्डा ने कहाः ‘‘क्वीन्स्लैंड के एक ऑस्ट्रेलियन किसान के बतौर मैं लाखों भारतीय किसानों के साथ एकजुटता में खड़ा हूं. किसान होना कठिन हो सकता है, हम ना केवल निरंतर बढ़ते पर्यावरण परिवर्तनों के प्रभावों का मुकाबला कर रहे हैं, बल्कि अब हमें अरबपति कोयला सामंतों के खिलाफ किसानों के अधिकारों की रक्षा भी करनी है. इस संघर्ष को बहुत सारे ऑस्ट्रेलियन किसान समझते हैं, और यह एक ऐसी लड़ाई है जिससे हम संकोच नहीं कर सकते हैं....’’

(ग्रीन लेफ्ट वीकली में छपे वक्तव्य की संक्षिप्त में प्रस्तुति)