पटियाला में कर्ज मुक्ति रैली

8 अक्टूबर 2020 को पटियाला में भाकपा-माले और ऐक्टू द्वारा ‘‘महिला कर्ज मुक्ति रैली’’ आयोजित कर मोदी सरकार पर राष्ट्रवाद और ‘आत्मनिर्भर’ भारत के नाम पर देश में कंपनी राज को फिर से लाने का आरोप लगाया. पटियाला के पुडा मैदान में आयोजित इस महिला कर्ज मुक्ति रैली में हजारों महिलाओं, किसानों, मजदूरों और युवाओं ने हिस्सा लिया. 

रैली का नेतृत्व भाकपा-माले के राज्य सचिव गुरमीत सिंह बख्तापुर, प्रदेश प्रवक्ता सुखदर्शन नत्त, ऐक्टू सचिव राजविंदर सिंह राणा, प्रख्यात किसान नेता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रुल्दू सिंह, मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत सिंह, आदि ने किया. 

रैली के माध्यम से पंजाब सरकार से मांग की गई कि वह कर्ज माफी के अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के कर्ज माफ करे और महिलाओं पर कर्ज अदायगी का दबाव बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों और एजेंटों के खिलाफ शिकायत मिलते ही तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दे. 

रैली ने मोदी सरकार द्वारा लाये गये नये श्रम कानूनों और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की और पंजाब में जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता जाहिर की.

रैली में पारित प्रस्तावों में हाथरस बलात्कार कांड व हत्या के खिलाफ चल रहे आंदोलनों का जोरदार समर्थन किया गया; सरकार को ग्रामीण गरीबों के लिए रोजगार बढ़ाने और प्रदूषण को रोकने के लिए पुआल और पुआल प्रबंधन के काम को मनरेगा योजना में शामिल करने की मांग की गई; भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किये गये तथा भाजपा नेताओं द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काए गये ‘दिल्ली दंगा’ मामलों में फर्जी और अवैध रूप से फंसाये गये सभी वामपंथी और जनवादी नेताओं, बुद्धिजीवियों, विचारकों और पत्रकारों को तत्काल रिहा करने की मांग की गई.