ऐक्टू के नेतृत्व में प. बंगाल में मिड-डे मील कर्मियों का संघर्ष

ऐक्टू से संबद्ध ‘पश्चिमबंगा संग्रामी रंधन कर्मी यूनियन’ के नेतृत्व में राज्य में 13 अक्टूबर को मिड-डे मील कर्मियों के राज्यव्यापी प्रदर्शन आयोजित हुए जिनमें मजदूरी में बढ़ोतरी और त्योहार भत्ते की मांग उठाई गई. पिछले आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मिड-डे मील सेवा को मनरेगा के साथ जोड़ते हुए मजदूरी में बढ़ोतरी का आश्वासन दिया था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. 

जबकि राज्य सरकार ने आशा, आंगनबाड़ी कर्मियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिये मजदूरी में बढ़ोतरी व त्योहार भत्ते की घोषणा की, लेकिन मिड-डे मील कर्मियों की अनदेखी की. इस उपेक्षा व नाइंसाफी के खिलाफ इनमें जबरदस्त रोष व्याप्त है जिसको इन्होंने राज्यव्यापी प्रदर्शनों के जरिए सरकार के समक्ष प्रदर्शित किया. उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, कोलकाता, नदिया आदि कई जगहों पर बड़े-बड़े प्रदर्शनों के माध्यम से डीएम, बीडीओ को ज्ञापन सौंपे गए. कोलकाता में शिक्षा मंत्री को संघर्षरत कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा.