झारखंड में मिड-डे मील कर्मियों का धरना

ऐक्टू से सम्बद्ध ‘‘झारखंड राज्य विद्यालय रसोईया संघ’’ ने सरकारी विद्यालय के रसोइया कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और तत्काल मासिक 18,000 रू. मानदेय भुगतान सहित 10-सूत्री मांगो को लेकर 19 सितम्बर 2019 रांची स्थित राजभवन के समक्ष धरना दिया. हाथों में झंडें, तख्तियां और बुलंद नारों के साथ देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, धनबाद, पलामू, गढ़वा, रांची, रामगढ़, कोडरमा समेत राज्य भर से बड़ी संख्या में रसोइया कर्मी धरना कार्यक्रम में शामिल हुए.

रसोइया कर्मियों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गीता मंडल ने कहा कि रोजगार देने के बजाय सरकार नौकरियां छीनने में लगी हुई है, झूठे नारों और झूठे वादों के सहारे सरकार चल रही है, और अर्थव्यवस्था पूरी तरह डांवांडोल है. सरकार को ना तो बच्चों की चिंता है और ना ही उनकी शिक्षा की. अगर सरकार गरीबों और मजदूरों पर इतनी मेहरबान है तो सबसे कम आय वाले रसोइया कर्मियों का मानदेय बढ़ोतरी क्यों नहीं करती है.

धरने को राज्य सचिव अनिता देवी, नारायण महतो, भुंडा बास्की, देवकी देवी, शेखर राय, सबीता सिंह, ऐती तिर्की, आदि ने संबोधित किया. धरने का संचालन अनिता देवी ने किया. धरना दे रही रसोइया कर्मियों को प्रतिपक्ष के नेता स्टीफन मरांडी एवं ऐक्टू के सचिव भुवनेश्वर केवट ने भी संबोधित किया. 10-सूत्री मांगो से सम्बधित मांगपत्र राज्यपाल को सौंपा गया.