आर्डनेंस फैक्टरियों के कॉरपोरेटीकरण के फैसले को वापस लिया जाय-फैसले के खिलाफ 20 अगस्त से 30 दिनों की हड़ताल का आह्वान

(मोदी सरकार के आर्डनेंस फैक्टरियों के कॉरपोरेटीकरण के फैसले के खिलाफ इस सेक्टर  के कर्मचारियों ने 20 अगस्त 2019 से 30 दिनों की हड़ताल का आह्वान किया है. सरकार के इस फैसले  के खिलाफ ऐक्टू ने भी प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को पत्र भेजा, जो नीचे प्रस्तुत है.)

हम ये पत्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आयुध (आर्डनेंस) फैक्टरियों के कोरपोरेटीकरण और निजीकरण करने के खिलाफ अपना सख्त विरोध दर्ज कराने के लिए लिख रहे हैं.

जाहिर बात है कि ये फैक्टरियां देश के सर्वाधिक संवेदनशील और सामरिक महत्व के सेक्टर प्रतिरक्षा का अभिन्न हिस्सा हैं. इस सेक्टर को 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), यानी विदेशी पूंजी के लिए खोल देने के साथ-साथ इसका कॉरपोरेटीकरण न सिर्फ मजदूरों और उनके परिवारों के हितों के लिये बल्कि यह राष्ट्रीय हितों के लिए भी बहुत नुकसानदेह है, और हमारी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कदम है.

आयुध फैक्टरियों के कर्मचारी बहुत लंबे समय से इस कदम के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. और अब, हमारे संज्ञान में आया है कि, आयुध फैक्टरियों के कर्मचारियों ने तीन फेडरेशनों और एक कन्फेडरेशन के नेतृत्व में, ”सरकार द्वारा पहले किए गए समझौते और दिये गये आश्वासन की पूरी तरह अवहेलना करते हुए आयुध फैक्टरियों का कॉरपोरेटीरकरण करने के फैसले’ के खिलाफ 20 अगस्त 2019, से 30 दिनों की हड़ताल में जाने का फैसला किया है.

ऐक्टू इन प्रतिरक्षा नागरिक कर्मचारियों की चिंताओं और केन्द्र सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने के खतरनाक कदम के खिलाफ उनके आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देता है.

इस मुद्दे की गंभीरता, हमारे राष्ट्रीय हितों और इस क्षेत्र के लगभग एक लाख कर्मचारियों द्वारा व्यक्त की जा रही चिंताओं के मद्देनजर, हम उम्मीद करते हैं कि आप प्रतिरक्षा सेक्टर की इन आयुध फैक्टरियों के कॉरपोरेटीकरण और निजीकरण के कदम को वापस लेने के लिये तत्काल हस्तक्षेप करेंगे.