बिहार राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ की कलमबंद हड़ताल

बिहार राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ (गोप गुट) के नेतृत्व में 25 फरवरी 2019 से कलमबंद हड़ताल शुरू हो गई है जिसमें आईटीआई के सभी संवर्ग के कर्मी शामिल हैं.

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) और ऐक्टू ने इस हड़ताल को पूर्ण समर्थन दिया है.

7 माह पूर्व जुलाई 2018 में मंत्री, श्रम संसाधन विभाग द्वारा 5 सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु विभागीय प्रधान सचिव एवं निदेशक को पत्र के माध्यम से आदेश दिया गया था, लेकिन अभी तक एक भी मांग की पूर्ति नहीं हो सकी है. उक्त मांगों में केंद्र सरकार के आदेश के आलोक में अनुदेशकों को ग्रेड वेतन 4600रू. देने, वरीयता के आधार पर उप प्राचार्य में प्रोन्नति देने, 3 वर्षों से लंबित एसीपी/एमएसीपी स्वीकृत करने, सभी आईटीआई में ग्रुप अनुदेशक, प्रधान लिपिक, भंडार पाल का पद सृजित करने एवं रिक्त पदों को सीधी नियुक्ति अथवा प्रोन्नति से भरे जाने की मांगें शामिल है. वर्तमान में 146 आईटीआई में लगभग 2500 व्यवसाय अनुदेशकों की आवश्यकता है. इसके विरुद्ध मात्र 230 स्थाई अनुदेशक एवं 213 अनुबंध अनुदेशक ही कार्यरत हैं. मई 2018 में 1200 अतिथि अनुदेशकों को हटा देने से प्रशिक्षण पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है, परंतु निदेशक एवं मंत्री महोदय को इसकी कोई चिंता नहीं है.  

विदित हो कि अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा जनवरी-फरवरी 2019 का प्रोग्राम लगभग 3 माह पूर्व  डी.जी.टी. से आ गया था लेकिन इसके लिए जवाबदेह पदाधिकारियों द्वारा समय आवश्यक कार्रवाई नहीं की जा सकी. फलस्वरूप केंद्राधीक्षक, वीक्षक, सहयोगी, दंडाधिकारी, पुलिस बल, वाह्य परीक्षा एवं इंटरनल की प्रतिनियुक्ति में अफरा-तफरी का माहौल बन गया तथा परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक आधारभूत संरचना एवं परीक्षा में उपयोग होने वाली कच्ची सामग्री तक समय उपलब्ध नहीं हो सकी. इसके बावजूद आईटीआई के कर्मी अपने अनुभव एवं क्षमता का उपयोग कर शांतिपूर्ण एवं स्वच्छ परीक्षा संपन्न कराने का हर संभव प्रयास किये परंतु अपनी कमियों को छुपाने के उद्देश्य से कर्मियों पर अनावश्यक लांछन लगाकर बड़े पैमाने पर 130 से अधिक केंद्राधीक्षकों को स्पष्टीकरण एवं चार कर्मियों को निलंबित कर दिया गया. हद तो यह है कि वैसे निलंबित कर्मियों से कथित तौर पर ही सही अनियमितता के लिए जिम्मेवार कर्मियों से यानि निलंबित कर्मियों से परीक्षा कार्य भी कराया गया जो नियम के विरूद्ध है. इससे कर्मियों में भारी आक्रोश है जिसके चलते कलमबंद हड़ताल जारी है. ु