कोयला मजदूरों का प्रतिवाद मार्च

‘रोजगार दो, नहीं तो कोयला ढोने का अधिकार दो’ के नारे के साथ भाकपा-माले और ऐक्टू ने कोयला ढोने वाले मजदूरों पर बढ़ते पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ 19 फरवरी को जमुआ में प्रतिवाद मार्च निकाला और थाने के समक्ष प्रदर्शन किया. बैलगाड़ियों के काफिले के साथ सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रतिवाद मार्च निकाल थाने के समक्ष पहुंचे जहां सभा आयोजित की गई. कार्यक्रम की अगुवाई भाकपा-माले विधायक राजकुमार यादव, गांडेय वि. स. क्षेत्र के नेता राजेश यादव, जमुआ वि. स. क्षेत्र के नेता अशोक पासवान, आदि ने किया.

अपने संबोधन में माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि भाजपा शासन में सरकार की विफलता से बेरोजगारी बढ़ रही है और लोग जैसे-तैसे स्वरोजगार के जरिए अपना जीवन यापन कर रहे हैं. उनके ऊपर भी पुलिस-प्रशासन जुल्म ढाने का काम कर रही है. कोयला, ढिबरा, पत्थर, बालू आदि ढोकर हजारों-हजार गरीब परिवार अपनी आजीविका चलाते हैं. कोयला खदान इलाकों से कोयला चुनकर बैलगाड़ी व साइकिल से 20 किमी से लेकर 50 किमी तक का दूरी तक ले जाकर वे गरीब लोग कोयला बेचते हैं और अपनी जीविका चलाते हैं. स्थानीय प्रशासन को यह बात समझनी चाहिए. रोजगार का वैकल्पिक साधन दिए बगैर यदि इनके स्वरोजगार पर हमला बोला गया और कोयला ढोने पर रोक लगा दी तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे. माले विधायक ने कहा कि कोडरमा सांसद और जिले के भाजपा विधायकों को सिर्फ जनता का वोट लेने से मतलब है, उनके रोजगार और दूसरी समस्याओं की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में ऐसे स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाने और माले के पक्ष में गोलबंद होने की अपील की और आगामी 22 फरवरी को द्वारपहरी में होने वाली ‘रोजगार अधिकार संकल्प सभा’ में भाग लेने का ऐलान किया. सभा के बाद थाने को एक मांगपत्र भी सौंपा गया.