ऐक्टू ने हड़ताल को सफल बनाने में निभाई अग्रणी भूमिका

झारखंड:

Jharkhand Nirman Mazdoor-union
झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन

8-9 जनवरी के दो दिवसीय हड़ताल के दौरान ईसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल समेत पूरे कोयला उद्योग में संपूर्ण हड़ताल रही जो कि मुख्यतः वाम यूनियनों के नेतृत्व में आयोजित थी. कोयला उत्पादन, ढुलाई व डिस्पैच पूरी तरह बंद रहा. झारखंड के लगभग सभी जिलों में बड़े पैमाने पर मजदूर सड़कों पर उतरे. भाकपा-माले, माकपा, भाकपा, मासस, एसयूसीआई ने संयुक्त रूप से हड़ताल को  सक्रिय समर्थन दिया. किसान महासभा समेत भाकपा-माले से जुड़े सभी जनसंगठन भी शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतरे. धनबाद के कोयला क्षेत्र के मजदूरों ने कुमारधुबी, बरमुडी, चंपापुर व बैजना कोलियरी में मजदूरों की जबरदस्त एकता का प्रदर्शन किया और हड़ताल को सम्पूर्ण रूप से सफल किया. ईसीएल के मुगमा एरिया में भी पूरी तरह से हड़ताल रही. बीसीसीएल एरिया 10 लोदना क्षेत्र व जयरामपुर एरिया कार्यालय को सीएमडब्लूयू एवं बीसीकेयू मजदूर संगठनों ने मिल-जुलकर बन्द कराया. सीएमडब्लूयू के नेतृत्व में मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर साउथ तिसरा वर्कशॉप एवं जीनागोरा कोलियरी वर्कशॉप को बंद कराया गया और उनके गेट पर प्रदर्शन किया गया. आम हड़ताल के समर्थन में ऐक्टू से सम्बद्ध झारखंड प्रदेश रसोइया संयोजिका अध्यक्ष संघ के बैनर तले 9 जनवरी को गौल्फ ग्राउंड से मार्च निकालकर मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया.  

रांची में हड़ताल के पहले दिन ऐक्टू से संबद्ध झारखण्ड निर्माण मज़दूर यूनियन के बैनर तले मज़दूरों ने अपना काम बंद कर रैली निकाली और अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया. 9 जनवरी को यूनियन ने श्रम भवन का घेराव कर श्रमायुक्त को 13-सूत्री मांग पत्र सौंपा.  

बगोदर में अखिल भारतीय किसान महासभा, झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा, मोटर कामगार यूनियन, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा, आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ, मनरेगा कर्मचारी संघ, पोषण सखी संघ, सहिया दीदी संगठन आदि ने बगोदर स्टेडियम से शुरू होकर समूचे बाजार में मार्च निकाला और बस पड़ाव में पहुंचकर विशाल सभा का आयोजन किया. मोटर कामगार यूनियन बगोदर के सचिव योगेश्वर साव के नेतृत्व में चालकों ने अपनी गाड़ियों को बगोदर बस स्टैंड पर खड़ा कर हड़ताल में एकजुटता दिखायी.

रामगढ़ में भाकपा-माले जिला सचिव भुबनेश्वर बेदिया, ऐक्टू के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण बेदिया, ऐपवा नेत्री नीता बेदिया तथा झामस राज्य अध्यक्ष हीरा गोप व जिलाध्यक्ष देवकी नंदन बेदिया के नेतृत्व में  8 जनवरी को सैकड़ों ग्रामीण मजदूरों, निर्माण मजदूरों, किसानों ने मार्च निकाला और बस स्टैंड से होते हुए सुभाष चौक पहुंचकर वहां एक जनसभा की. 9 जनवरी को भुरकुंडा बाजार में किसान समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित मार्च और सभा में भाकपा-माले और भाकपा से जुड़े मजदूर संगठन भी शामिल थे. गोला व पतरातू में भाकपा-माले के बैनर तले मार्च निकाला गया.           

झारखंड जनरल मजदूर यूनियन (ऐक्टू) के बैनर तले कोडरमा बाझेडीह थर्मल पावर प्लांट (केटीपीएस) में मजदूरों ने धरना देकर हड़ताल को सफल बनाया. लातेहार में झारखंड राज्य रसोइया संघ के बैनर तले बरवाडीह बीआरसी क़ा घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम 5-सूत्री मांगपत्र सौंपा गया. डाल्टेनगंज में रसोइया संघ, भाकपा-माले व ऐक्टू के बैनर तले निकाले गये मार्च में एक हजार से भी अधिक लोग शामिल रहे. देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय में रसोइया संघ के बैनर तले मार्च निकालकर प्रखंड मुख्यालय को मांगपत्र सौपा गया. गढ़वा में भाकपा-माले और निर्माण मजदूरों तथा मेराल में बॉक्साइट अनलोडिंग केन्द्र पर ऐक्टू और झारखंड जनरल मजदूर यूनियन के बैनर तले मार्च निकाला गया. गुमला में निर्माण मजदूर यूनियन ने मार्च निकाला. दो दिवसीय हड़ताल के दौरान बैंक और बीमा क्षेत्र में भी कामकाज पूरी तरह बंद रहा. केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों, डाकघरों और बीएसएनएल में भी हड़ताल असरदार रही. बोकारो स्टील कारखाना और एचईसी में ठेका मजदूर पूरी तरह हड़ताल पर रहे. डीवीसी मजदूर और विद्युत कामगार भी हड़ताल पर रहे. सिंहभूम जिला के लौह अयस्क खदान तथा आदित्यपुर गम्हरिया, खरसावां और कंदरा की औद्योगिक पट्टी में पूर्ण हड़ताल रही. रांची, पाकुड़ और साहबगंज जिले के निर्माण क्षेत्र, बीड़ी व पत्थर उद्योगों के लाखों असंगठित मजदूर भी हड़ताल पर रहे. परिवहन उद्योग में भी आंशिक हड़ताल रही.                                             

बिहारः

Asha workers strike
बिहार, विधान सभा के समक्ष, हड़ताल में शामिल आशा कर्मी

यहां स्कीम कर्मियों की आम हड़ताल को सफल बनाने में उल्लेखनीय भूमिका रही. राजधानी पटना में ऐक्टू से जुड़े सैकड़ों मज़दूरों जिनमें विद्यालय रसोइया व आशा कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाएं शामिल थीं, अलग-अलग चार जत्थों में डाकबंगला चौराहा पहुंचकर उसे अपने कब्जे में ले लिया.

आशा नेत्री शशि यादव, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ अध्यक्ष सरोज चौबे, ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार तथा खेग्रामस के महासचिव धीरेंद्र झा, ऐक्टू राज्य महासचिव आर.एन. ठाकुर और महासंघ (गोप गुट) के  सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद के नेतृत्व में अलग-अलग जगहों से ये जत्थे निकले.

डाकबंगला पर हुई सभा में प्रधानमंत्री मोदी के दर्जन भर पुतले फूंके गये. उसके बाद, ऐक्टू का यह जत्था केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से रेडियो स्टेशन से निकाले गए संयुक्त प्रदर्शन में शामिल हो गया. ट्रेड यूनियनों का संयुक्त प्रदर्शन पुनः डाकबंगला चौराहा पहुंचा, जहां सभी ट्रेड यूनियनों, संघों, आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी समेत लगभग 5 हज़ार से अधिक मज़दूरों कर्मचारियों ने डाकबंगला को पुनः पूरी तरह जाम कर वहां सभा आयोजित की. हड़ताल के दूसरे दिन वामपंथी पार्टियों द्वारा बिहार बंद का आहृान किया गया था.

फुलवारीशरीफ में सुधा डेयरी निजी वाहन चालक एवं कर्मचारी संघ, नालंदा बिस्कुट कंपनी मजदूर यूनियन तथा ऐक्टू से संबद्ध एम्स के सैकड़ों ठेका मजदूरों की ओर से मार्च, रोड जाम व सभा का आयोजन हुआ. बिहार पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ (गोप गुट) के बैनर तले वेटनरी कॉलेज से बीएमपी कैम्प एरिया व हवाई अड्डा क्षेत्र में जुलूस निकाला गया. बीएमपी की बटालियन एक, पांच, दस, चौदह एवं सोलह के कई पदधारक इसमें शरीक रहे.

भागलपुर में निर्माण मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों के मजदूरों, रसोइया, आशा, सेविका-सहायिका, स्कीम वर्कर्स आदि हजारों हड़ताल में शामिल रहे. उन्होंने सुबह सैकड़ों की संख्या में स्थानीय स्टेशन चौक पहुंच कर एनएच 80 को घंटों के लिए जाम कर दिया. फिर जुलूस की शक्ल में मुख्य सड़कों पर मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच कर सभा आयोजित की जिसे ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा, राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त समेत एटक, सीटू आदि समेत कई संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया.

दरभंगा में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ (गोप गुट) ने हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन किया. आरा में आंगनबाड़ी कर्मियों और असंगठित क्षेत्र के अन्य मजदूरों ने ऐक्टू के बैनर तले जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर वहां सभा आयोजित की. अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) ने जिला सचिव सुमन कुमार के नेतृत्व में मोटरसाईकिल जुलूस निकालकर बैंकों, बीमा कार्यालय आदि समेत सभी सरकारी कार्यालयों को बंद कराया. आरा नगर निगम के कर्मचारियों ने निगम गेट पर सभा आयोजित की. मधुबनी के जयनगर में मोटर चालक यूनियन के बैनर तले वाहनों के साथ शहीद चौक से जुलूस निकालकर अंबेडकर स्मारक के पास सभा आयोजित की गई. गया में मशाल जुलूस निकाला गया.

उत्तर प्रदेशः

राजधानी लखनऊ में 8 जनवरी को मजदूर संगठनों द्वारा जुलूस निकाल कर सभा आयोजित की गई. 9 जनवरी को ऐक्टू व भाकपा-माले कार्यकर्ता जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर एकत्र हुए और हज़रतगंज होते हुए उपश्रमायुक्त कार्यालय तक मार्च निकालकर मजदूर संगठनों की संयुक्त सभा में शामिल हुए. सभा को भाकपा-माले की राज्य कमेटी सदस्य मीना सिंह व ऐक्टू के जिला संयोजक मधुसूदन मगन ने संबोधित किया. जुलूस में कामकाजी महिलाओं समेत बड़ी संख्या में निर्माण मजदूर, ई-रिक्शा चालक, घरेलू कामगारिनें शामिल थे.

Allahabad
ऐक्टू से संबद्ध नार्थ सेंट्रल रेलवे ठेका वर्कर्स यूनियन  हड़ताल में शामिल होते हुए

इलाहाबाद में हड़ताल के पहले दिन ठेका मजदूर संघ ने तहसील परिसर फूलपुर में हड़ताल के समर्थन में धरना दिया. अगले दिन 9 जनवरी को इफको फूलपुर में ऐक्टू से सम्बद्ध ठेका मजदूर संघ ने यूनियन कार्यालय बीरकाजी से बाबूगंज बाजार तक अध्यक्ष देवानंद व मंत्री विजय बहादुर सिंह के नेतृत्व में मार्च निकाला और सभा आयोजित की. सभा को मुख्य रूप से ऐक्टू के राज्य सचिव अनिल वर्मा, एडवोकेट नरेंद्र प्रताप, सुभाष पटेल, वीरेन्द्र प्रताप, फूलचंद्र आदि ने संबोधित किया.

ऐक्टू से संबद्ध नार्थ सेंट्रल रेलवे ठेका वर्कर्स यूनियन ने पहले दिन पूर्व जारी धरना स्थल इलाहाबाद मंडल के लोको पायलेट एव गार्ड रनिंग रूम से मार्च करते हुए जुलूस के रूप में उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद मंडल कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन के बाद सभा करके ज्ञापन सौंपा. कार्यक्रम का नेतृत्व ऐक्टू जिला सचिव कमल उसरी, रेलवे ठेका वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी, आदि ने किया. दूसरे दिन नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन (सम्बद्ध ऐक्टू) के महामंत्री मनोज पांडेय ने कोरल क्लब में रेलवे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नई दिल्ली में पेंशन के समर्थन में आयोजित भूख हड़ताल में हम सब भागीदारी करेंगे. सभा के बाद यूनियन के केंद्रीय सहायक मंत्री सैयद इरफात अली व संगठन मंत्री विनय तिवारी के नेतृत्व में कोरल क्लब से रैली के रुप मे सुभाष चौराहा, सिविल लाइंस पहुंच कर संयुक्त ट्रेड यूनियन रैली और एजी आफिस की आम सभा में भागीदारी की. नार्थ सेंट्रल रेलवे ठेका वर्कर्स यूनियन साथी फायर ब्रिगेड चौराहे से एजी आफिस की केंद्रीय आम सभा में शामिल हुए. साथ में ही नगर निगम से सफाई कर्मचारी एकता मंच के अध्यक्ष रामसीया, संतोष कुमार, कामरेड धर्मेंद्र सहित अन्य साथी शामिल हुए.

गोरखपुर में खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के सैकड़ों ग्रामीण गरीबों ने झंडा बैनर के साथ एकत्रित होकर भाकपा-माले जिला कार्यालय से जुलूस निकाला और गोलघर कचहरी से चौराहा टाउन हॉल होते हुए नगर निगम पहुंचकर जनसभा आयोजित की. उत्तर प्रदेश चौकीदार यूनियन के दर्जनों लोग भी सभा में शामिल हुए.

अयोध्या (फ़ैजाबाद) में भी माले समेत वाम दलों ने 9 जनवरी को गुलाबबाड़ी से जुलूस निकाला जो गांधी पार्क पहुँच कर सभा में तब्दील हो गया.

गाजीपुर में भाकपा-माले, किसान महासभा व खेग्रामस कार्यकर्ताओं ने तुलसीसागर लंका पार्टी कार्यालय से मार्च निकालकर जिलाधिकारी-एसपी कार्यालय होते हुए जिला आपूर्ति कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया. इसके पहले, 8 जनवरी को माले और खेग्रामस कार्यकर्ताओं ने जखनियां तहसील में भी मार्च निकाला.

बनारस में खेग्रामस ने हड़ताल के समर्थन में सभा आयोजित की जबकि 9 जनवरी को वाम दलों ने संयुक्त मार्च निकाला. मऊ व आजमगढ़ में वामपंथी दलों व मजदूर संगठनों ने आम हड़ताल के समर्थन में मार्च किया. आजमगढ़ में हड़ताल के दिन हुए संयुक्त कार्यक्रमों में भाकपा-माले और जनसंगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए. सोनभद्र में 9 जनवरी को जिला मुख्यालय पर आम हड़ताल के समर्थन में मजदूरों, कर्मचारियों की सभा आयोजित हुई जिसे भाकपा-माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सम्बोधित किया. मिर्जापुर में वाम दलों ने संयुक्त मार्च निकाला जिसमें माले राज्य सचिव सुधाकर यादव व केन्द्रीय समिति सदस्य मोहम्मद सलीम भी शामिल हुए. चंदौली में जिला मुख्यालय चकिया तहसील और चकिया तहसील पर प्रदर्शन आयोजित हुआ.

देवरिया में भाकपा-माले, खेग्रामस, निर्माण मजदूर संगठन, चौकीदार संगठन और ‘चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति’ तथा रायबरेली में भाकपा-माले, मजदूर संगठनों, टेम्पो-ईरिक्शा चालकों समेत कई अन्य संगठनों ने मार्च और प्रदर्शन आयोजित किया. कानपुर में वाम दलों के साथ संयुक्त अभियान चलाते हुए मार्च और सभाओं का आयोजन किया गया. जालौन के जिला मुख्यालय उरई में माले व ऐक्टू ने सड़कों पर मार्च किया. सीतापुर जिले के हरगांव में 9 जनवरी को खेत मजदूरों, व रसोइया समेत ऐक्टू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ऐपवा की जिला अध्यक्ष सरोजिनी तथा रसोइया संगठन की ब्लाक अध्यक्ष मीरा सिंह के नेतृत्व में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. 8 जनवरी को भी जिला मुख्यालय पर ऐक्टू की ओर से मार्च निकाला गया. लखीमपुर खीरी जिले के पलिया तहसील मुख्यालय, मुरादाबाद के जिला पंचायत कार्यालय और महाराजगंज जिले के निचलौल तहसील मुख्यालय पर भी हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन आयोजित हुआ. भाकपा-माले तथा ऐक्टू, आरवाईए व अन्य जनसंगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए. पलिया चीनी मिल में हड़ताल का जबरदस्त असर रहा.  

उत्तराखंड:

asha workers uttarakhand
हड़ताल में शामिल उत्तराखंड के आशा कर्मी

यहां दोनों दिन हलद्वानी के बुद्ध पार्क में सभा की गई और शहर में जुलूस निकाला गया. हड़ताल समर्थकों को ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा, ऐक्टू नेता कैलाश पाण्डेय, कई कर्मचारी नेताओं, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की नेताओं, एमआर मेडिकल यूनियन के महामंत्री जेएस रौतेला ने संबोधित किया.

ऐक्टू से संबद्ध दो यूनियनों एनएचपीसी सीडब्लूयू, धारचूला और सीएचईयू, सितारगंज ने प्रबंधन के दबाव को तोड़ते हुए 100 प्रतिशत भागीदारी की और हड़ताल में धरना प्रदर्शन को नेतृत्व दिया. धारचुला में दोनों दिन विशाल जलूस निकाले गये जो चर्चा का विषय बन गये. कार्यक्रम का नेतृत्व ऐक्टू नेताओं हरीश धामी, नरेंद्र सिंह, उदय सिंह ने किया.

रुद्रपुर में अम्बेडकर पार्क में दोनों दिन प्रदर्शन हुए और दूसरे दिन ऐक्टू से संबद्ध आशा यूनियन व औद्योगिक मजदूरों ने जलूस निकाला. जलूस का नेतृत्व ऐक्टू राज्य अध्यक्ष निशान सिंह, जिलाध्यक्ष व सिडकुल संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष दिनेश तिवारी एवं महामंत्री गणेश मेहरा, ऐक्टू जिला सचिव रीता कश्यप, भाकपा-माले जिला सचिव आनंद नेगी और किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने किया. उधमसिंह नगर जिले के सभी ब्लॉकों में 8 जनवरी को आशा यूनियन ने प्रदर्शन किये, जैसे जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज और खटीमा. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व रीता कश्यप, ममता पानू, कुलविन्दर कौर, मंजु देवी, आदि ने किया.

सितारगंज स्थित सिडकुल में पहली बार हुई हड़ताल को ऐक्टू की यूनियनों ने नेतृत्व दिया ओर पुरानी तहसील प्रांगण में दोनों दिन सभा हुई.

कार्यक्रम का ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के.के. बोरा, नगराध्यक्ष बच्ची सिंह बिष्ट, नगर सचिव मोहन सिंह, राज्य कमेटी सदस्य भुवन सिंह एवं हरीश सिंह ने नेतृव किया.

श्रीनगर, गढ़वाल में दोनों दिन सभाएं/जलूस आयोजित हुए जिन्हें भाकपा-माले नेता इन्द्रेश मैखुरी एवं ऐक्टू राज्य उपाध्यक्ष के.पी. चंदोला ने नेतृत्व दिया. पिथौरागढ़, डीडीहाट, लोहाघाट, भिकिया सैन, नैनीताल, चम्पावत पाटी, टनकपुर में दोनों दिन ऐक्टू से संबद्ध आशा, आंगनबाड़ी व भोजनमाता यूनियनों ने प्रदर्शन किया. इनका नेतृत्व दीपा पांडेय, हीरा भट्ट ,चंचल बोरा, कमला कुंजवाल, इंद्रा देउपा, आदि ने किया.

राजस्थानः सैकड़ों मजदूरों ने ऐक्टू के बैनर तले 8 जनवरी को सेलिंग पाल से मजदूर अधिकार रैली निकाली जो सलूम्बर के मुख्य बाजारों से होते हुए उपखंड कार्यालय पर खत्म हुई. रैली के बाद राष्ट्रपति के नाम उपखंड अधिकारी के मार्फत एक ज्ञापन दिया गया. जनसभा को भाकपा-माले के राज्य सचिव महेंद्र चौधरी, ऐक्टू के राज्य सचिव सौरभ नरुका, शंकरलाल चौधरी आदि वक्ताओं ने संबोधित किया. प्रतिनिधिमंडल में तेजकि बाई, गौतम मीणा, भागल आदि शामिल थे. स्थानीय मांगों पर भी एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को दिया गया जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सलूंबर तहसील की सभी पंचायतों में बेरोजगारी को देखते हुए मनरेगा के काम को शुरू करने की मांग थी.

हड़ताल के दौरान नीमराना में जहां जापानी कम्पनी दाइकिन एसी फैक्टरी के 1500 मजदूर अपने लोकतांत्रिक अधिकार के लिये शांतिपूर्ण ढंग से कामबंदी कर रैली निकाल रहे थे, पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, पानी की बौछार की तथा आंसू गैस के गोले छोड़े, यहां तक कि हवाई फायर का भी सहारा लिया. पुलिस के हमले के फलस्वरूप बड़ी तादाद में मजदूर गम्भीर रूप से घायल हुए और वे अस्पताल में भर्ती हैं.

पुदुच्चेरीः

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पुदुच्चेरी में मार्च

भाकपा-माले, माकपा, भाकपा, द्रमुक, वीसीके एवं कांग्रेस पार्टियों ने बंद करने का आह्वान किया था. पुदुच्चेरी और करैकल अंचलों में सारे प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य के महत्वपूर्ण 11 स्थानों पर रास्ता रोको संगठित किया गया. ऐक्टू और भाकपा-माले के लगभग 200 कार्यकर्ताओं समेत 1 हजार लोगों को बंद के दौरान गिरफ्तार किया गया.

कर्नाटकः बंगलौर में सफाई मजदूरों, रेडीमिक्स के श्रमिकों, जलापूर्ति व राज्य परिवहन के कर्मचारियों एवं खासकर ठेका मजदूरों समेत अन्य मजदूरों ने रैलियों एवं हड़ताल को संगठित करने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई और मंगलोर, देवनगेर, कोप्पल, गंगावती आदि शहरों में भी हड़ताल का नेतृत्व किया. आरएमसी, आरडीसी कंक्रीट उत्पादक यूनिटों एवं हवाई अड्डा मजदूरों व ऐक्टू के सदस्यों को लेकर बंगलौर के येलहांका में मोटर साइकिल रैली निकाली गयी. बंगलौर के सिटी सेन्ट्रल में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर संयुक्त प्रतिवाद प्रदर्शन भी किया.

दिल्लीः

March from mandi house to jantarmantar
मंडी हाउस से पार्लियामेंट तक मार्च

ऐक्टू ने वजीरपुर, नरेला, पटपड़गंज और ओखला औद्योगिक इलाकों में सफल हड़ताल संगठित करने में प्रमुख भूमिका अदा की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ऐक्टू के नेतृत्व में ठेका मजदूरों ने भी हड़ताल संगठित की. 9 जनवरी को मंडी हाउस से संसद तक निकला केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेतृत्व में जुलूस आयोजित हुआ जिसमें असंगठित क्षेत्र से आनेवाले मज़दूरों से लेकर बैंक, बीमा, परिवहन क्षेत्र के कर्मचारियों ने भाग लिया. ऐक्टू से संबद्ध डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेन्टर से जुड़े कई कर्मचारियों, निर्माण मज़दूरों, आशा वर्करों, जेएनयू के ठेका कर्मियों,  रेहड़ी-खोखा-पटरी दुकानदारों, ई-रिक्शा चालकों, इत्यादि ने बड़ी संख्या में जुलूस में शिरकत की. जुलूस के बाद संसद मार्ग पर हुई मज़दूरों की सभा को ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी, एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर, सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन इत्यादि ने संबोधित किया.

ओड़िशा: ऐक्टू ने भुवनेश्वर और पुरी में हड़ताल को सफल बनाने तथा रेल रोको संगठित करने में प्रमुख भूमिका निभाई. गुनुपुर, रायागढ़ा, भद्रक, राउरकेला स्टील प्लांट, खुर्दा औद्योगिक क्षेत्र, कटक के एनआईआरटीएआर (निरतार) संस्थान, भुवनेश्वर एवं अन्य कई स्थानों पर रास्ता रोको भी संगठित किया गया. विभिन्न जगहों पर हड़ताल को ऐक्टू के राज्य महासचिव महेंद्र परिदा, कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत सेठी, भाकपा-माले नेता तिरूपति गोमांगो व अशोक प्रधान, आदि ने नेतृत्व दिया. ऐक्टू की ओर से रेलवे के ठेका, सफाई, निर्माण, स्कीम और औद्योगिक मजदूरों ने हड़ताल को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई. खुर्दा औद्योगिक क्षेत्र में ऐक्टू से संबद्ध यूनियनों ने कोका कोला, ब्रिटानिया बिस्कुट और डेनजोंग बिवरेज कारखाने बंद करवाये. हड़ताल के मौके पर भुवनेश्वर में संयुक्त रैली का आयोजन हुआ.

छत्तीसगढ़: कोरबा स्थित एल्युमिनियम कम्पनी बाल्को में हड़ताल सम्पूर्ण तौर पर सफल रही जिसमें ऐक्टू से जुड़ी यूनियन ने विशेष भूमिका निभाई. भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत सफाई मजदूरों समेत अन्य ठेका और साथ ही स्थाई श्रमिकों के बीच आंशिक हड़ताल रही. ऐक्टू के साथियों ने प्लांट के मरोदा गेट पर मोर्चा संभाला. कोरबा में ऐक्टू के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कर्मियों ने धरने का अयोजन किया. दुर्ग जिले नगरी निकायों में ऐक्टू से संबद्ध ठेका सफाई कामगारों ने हड़ताल में भाग लेते हुए 9 जनवरी को कलेक्टर में जोरदार रैली निकाली. बिलासपुर में छमुमो एवं ऐक्टू की अगुवाई में रैली निकली और साथ ही संयुक्त प्रदर्शन भी हुआ. 9 जनवरी को राजनांदगांव में खासकर औद्योगिक मजदूरों की भागीदारी के साथ संयुक्त रैली का आयोजन हुआ. साथ ही रायपुर में भी संयुक्त धरने का अयोजन हुआ. यहां विभिन्न जगहों में हड़ताल और प्रदर्शनों को ऐक्टू की ओर से श्यामलाल साहु, मुक्तानंद साहु, ब्रिजेंद्र तिवारी, जयप्रकाश नायर, भीमराव बागड़े, अशोक मिरी, बीएल नेताम, उमा नेताम और नरोत्तम शर्मा ने नेतृत्व दिया.

तमिलनाडुः

यहां ऐक्टू ने कोयम्बटूर के अलावा अम्बत्तूर, कुम्भकोणम, विल्लुपुरम, तिरुनेल्वेली, कांचीपुरम और सिरकाली में हड़ताल संगठित करने में अगुवा भूमिका निभाई.

Chennai-tasmac
चेन्नई

पश्चिम बंगालः

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पश्चिम बंगाल

ऐक्टू ने तृणमूल कांग्रेस के गुंडों के हमलों का प्रतिरोध करते हुए उत्तर-24 परगना, हुगली, कोलकाता, सिलीगुड़ी, नदिया, आसनसोल, जलपाइगुड़ी और उत्तर बंगाल के चाय बागानों में हड़ताल को संगठित करने में प्रमुख भूमिका निभाई. ऐक्टू नेता बासुदेब बोस, दिबाकर भट्टाचार्य और बाबू दास समेत ऐक्टू के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. सिलीगुड़ी में संयुक्त ट्रेड यूनियन रैली निकाली गई. रेलवे में निजीकरण के खिलाफ चित्तरंजन लोकोमोटिव वक्र्स में ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त प्रदर्शन आयोजित किया.

जम्मू-कश्मीरः यहां 6 महीने पहले ऐक्टू की इकाई स्थापित हुई है. ऐक्टू के नेतृत्व में 9 जनवरी को सैकड़ों मजदूरों ने जम्मू स्थित सरकार के श्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को संबोधित मजदूर वर्ग का मांगपत्र जमा किया. इस मौके पर आयोजित रैली व आम सभा को ऐक्टू इकाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश सन्याल ने संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों को उलटने और समाजवादी समाज के निर्माण के लिये लंबा संघर्ष चलाने का आहृान किया. रैली को संबोधित करने वालों में ऐक्टू के प्रमुख नेता थे- निर्दोश उप्पल, एच.डी. भौमिक, सुनील सलहन, हाफिज मुहम्मद, राजेंद्र सिंह, साजिद हुसैन और बोध राज.

असमः

गुवाहाटी स्थित तेलशोधक कारखाने में और कई चाय बागानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों में हड़ताल सफल बनाने में ऐक्टू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

assam
असम

त्रिपुराः

यहां ट्रेड यूनियनों ने मिलकर अगरतला में एक संयुक्त मजदूर जुलूस निकाला.

 

आंध्र प्रदेशः

andhra-pradesh
आन्ध्रप्रदेश

राज्य के सभी हिस्सों में आम हड़ताल का प्रभाव साफ दिख रहा था और चारों तरफ बंदी रही. मंगलागिरि और काकीनाड़ा समेत विभिन्न स्थानों पर ऐक्टू के कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में रैलियां निकालीं.

पंजाबः

यहां ऐक्टू ने मानसा जिले के शार्दूलगढ़, नंदगढ़, बरेटा, बोहा में तथा बरनाला और गुरदासपुर जिलों में हड़ताल को सफल कराने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई.

Punjab
पंजाब

चंडीगढ़ः

यहां हड़ताल के कार्यक्रमों में शामिल रहने के अलावा, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में ऐक्टू से सम्बद्ध मेस वर्कर्स यूनियन ने पूर्ण हड़ताल की और रैली निकाली.

चंडीगढ़
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गुजरात:

अहमदाबाद में एक संयुक्त ट्रेड यूनियन रैली निकाली गई जिसमें ऐक्टू की ओर से आशाकर्मियों की बढ़-चढ़कर भागीदारी उल्लेखनीय रही.

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