ऑल इंडिया म्युनिसिपल वर्कर्स फेडरेशन का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

ऑल इंडिया म्युनिसिपल वर्कर्स फडरेशन (एआईएमडब्लूएफ-संबद्ध ऐक्टू) का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन 25 अगस्त 2018 को पुणे महानगरपालिका कर्मचारी यूनियन के कार्यालय, श्रमिक भवन, शिवाजी नगर (का. ए.डी. भोसले नगर, का. स्वपन मुखर्जी सभागार एवं का. डी.पी. बक्शी मंच) में सम्पन्न हुआ.

फेडरेशन के महासचिव श्यामलाल प्रसाद द्वारा झंडोत्तोलन के साथ ही राष्ट्रीय सम्मेलन की कार्यवाही प्रारंभ हुई. तत्पश्चात् खुला सत्र श्यामलाल प्रसाद की अध्यक्षता में आरंभ किया गया. मंच संचालन धीरज राठौर ने किया. का. स्वपन मुखर्जी, का. डी.पी. बक्शी, का. यशवंत राव चौहान, का. साधिर शांतनु काम्बले सहित वामपंथी पार्टियों और ट्रेड यूनियनों नेताओं, वामपंथी-प्रगतिशील हस्तियों, अभी हाल में बाढ़ में केरल और कुड़गु, कर्नाटक सहित प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों को 2 मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई. पुणे महानगरपालिका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष तथा फेडरेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष उदय भट ने अतिथियों एवं प्रतिनिधियों का स्वागत किया. उन्होंने स्वागत भाषण में महानगरपालिका, पुणे के कर्मचारियों को यूनियन द्वारा दिलाई गई उपलब्धियों एवं वर्ष 1990 से लागू नई आर्थिक-औद्योगिक नीतियों से मजदूरों पर हो रहे अत्याचार की चर्चा करते हुए समूचे देश के म्युनिसिपल मजदूरों की एकजुटता का आहृान किया. खुले सत्र का उद्घाटन पुणे महानगरपालिका कर्मचारी यूनियन की महासचिव मुक्ता मनोहर ने किया. उन्होंने पुणे महानगरपालिका कर्मचारियों के लिए यूनियन द्वारा काम के घंटे कम कराये जाने की चर्चा के साथ सफाई मजदूरों, जिसमें दलित समुदाय के लोग ही काम करते हैं, के प्रति केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा उपेक्षापूर्ण व्यवहार पर चर्चा करते हुए सभी क्षेत्रों में ठेका पर काम करने वाले सफाई मजदूरों एवं नियमित कर्मचारियों की बेहतर जिन्दगी के लिए संघर्ष तेज करने का आहृान किया.

सम्मेलन के खुले सत्र में ‘‘स्वच्छ भारत अभियान का जुमला और सफाई मजदूरी की दुर्दशा’’ विषय पर कन्वेंशन आयोजित किया गया जिसका आधार पत्र ऐक्टू सचिव क्लिफ्टन रोजारियो द्वारा प्रस्तुत किया गया. आधार पत्र में सन् 1920 में कलकत्ता में महिला सफाई कर्मचारियों का संगठन बनने, उसके बाद तुरत मद्रास में सफाई कर्मियों का संगठन बनाने, हैदराबाद में 35 दिनों तक चली हड़ताल, मोदी सरकार द्वारा ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर केवल अपना चेहरा दिखाने का काम, एक खास (दलित) जाति द्वारा 100 वर्ष पुरानी सिर पर मैला ढोने की परम्परा आज भी जारी रहने की चर्चा की गई. सफाई मजदूरों द्वारा नालों (ड्रेन) में भीतर घुसकर सफाई करने, जिसमें मैले भी बहाये जाते हैं, के काम को बंद कर मशीन से नाला सफाई कराने, सिर पर मैला ढोने की प्रथा समाप्त करने, म्युनिसिपैलिटी में ठेका प्रथा समाप्त करने और रोजगार की गारंटी की भी मांगे आधार पत्र द्वारा उठाई गयीं.

खुले सत्र में आयोजित कन्वेंशन को बाला साहेब सुरूडे (महाराष्ट्र से), मिलिंद रानाडे (एनटीयूआई, महाराष्ट्र से) निर्मला (कर्नाटक से), शशिकान्त मिश्र (बिहार से), जयप्रकाश नायर (छत्तीसगढ से़), अनिल वर्मा (उ.प्र. से), महेन्द्र परीदा (ओड़िसा से), दशरथ सिंघाली (गुजरात से) ने आधार पत्र पर अपना-अपना वक्तव्य देते हुए भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा बहुत ही कम मजदूरी पर ठेका पर काम कराने, सफाई कर्मचारियों की उपेक्षा और अपने-अपने प्रदेशों में म्युनिसिपल कर्मचारियों की समस्याओं पर चलाये गये संघर्षों की चर्चा की. कन्वेंशन के आधार पत्र को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया. अन्त में चन्द्रकांत गामरे, नेता, पुणे महानगरपालिका कर्मचारी यूनियन ने समापन वक्तव्य रखा.

तत्पश्चात्, दोपहर से प्रतिनिधि सत्र की कार्यवाही प्रारंभ की गई. प्रतिनिधि सत्र की अध्यक्षता श्यामलाल प्रसाद, उदय भट, मोख्तार अहमद खां, निर्मला, संतोष कुमार, चन्द्रकांत गामरे एवं गजानन्द जागड़े के 7-सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की. ऐक्टू के राष्ट्रीय महासचिव, राजीव डिमरी ने प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन किया. राष्ट्रीय महासचिव ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार पहले जुमलों की और अब एक विनाशकारी सरकार के रूप में सामने आई है. हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा तो पूरा नहीं किया गया, उलटे नोट बंदी एवं जीएसटी लागू कर लाखों मजदूरों की रोजी-रोटी को तबाह कर दिया गया. श्रम कानूनों में संशोधन कर कॉरपोरेट-पूंजिपतियों को लाभ पहुंचाया गया. विकास के नाम पर सारे संसाधनों का ठेकाकरण-निजीकरण कर दिया गया. ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ के नाम पर विज्ञापनों पर कई सौ करोड़ रूपये बहा दिये गये, लेकिन सफाई करने वाले सफाई कर्मचारी जो बड़ी संख्या में दलित समुदाय के हैं, उनका नामो निशान तक इस अभियान में नहीं है. देश का मेहनतकश आवाम मोदी सरकार के साम्प्रदायिक फासीवादी एजेण्डा के खिलाफ सड़कों पर उतरा हुआ है. उन्होंने आहृान किया कि अब जब इस फासीवादी मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर है, कामगार जनता के समस्त गुस्से और आक्रोश को आने वाले आम चुनाव में इस सरकार को उखाड़ फेंकने की तरफ मोड़ दें. उन्होंने यह जानकारी दी कि दिनांक 28.09.2018 को दिल्ली में मजदूरों का कन्वेंशन होने वाला है, और उसमें आने वाले दिनों में आम हड़ताल का आहृान किया जायेगा.

उन्होंने और आगे कहा कि लाखों सफाई मजदूरों का ठेका प्रथा के तहत काम करने का सवाल हमारे सामने ज्वलंत मुद्दा है. ये आर्थिक रूप से ही नहीं, सामाजिक रूप से भी उत्पीड़ित हैं. उनके संघर्षों को और ऊंचा उठाने के लिए यह सम्मेलन कार्यभार तय करते हुए आगे बढ़ेगा. सम्मेलन की सफलता की शुभकामना के साथ महासचिव ने अपना वक्तव्य समाप्त किया.

उद्घाटन के उपरांत, विदायी कमेटी की ओर से महासचिव श्यामलाल प्रसाद ने कामकाज और आगामी कार्यभारों पर प्रतिवेदन रखा तथा चन्द्र किशोर प्रसाद, कोषाध्यक्ष ने आय-व्यय का ब्योरा पेश किया. इन प्रतिवेदनों पर ओड़िसा के तपन मोहन्ती, महाराष्ट्र से अनंत लोखंडे, बिहार के शशिकान्त मिश्र, छत्तीसगढ़ के मनोज कोसरे और कर्नाटक के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार एवं सुझाव रखे. प्रतिनिधियों के विचारों एवं सुझावों पर सफाई देते हुए महासचिव ने कहा कि महत्वपूर्ण सुझावों को प्रतिवेदन में सम्मिलित किया जायगा. तत्पश्चात् महासचिव और कोष प्रतिवेदन सर्वसम्मति से पारित किया गया.

सम्मेलन ने संघर्ष के लिये एक मांग-पत्र प्रस्तुत किया जो इस प्रकार हैः

देश के सभी निकाय कर्मियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये समान वेतन-भत्ता, पेंशन, महंगाई भत्ता एवं अन्य सभी सुविधाएं लागू की जाय; सरकारी विभागों की तरह शहरी विकास विभाग में निकाय कर्मचारियों के वेतन-भत्ता भुगतान हेतु वार्षिक बजट में उपबंध का प्रावधान किया जाय; नियमित पदों की समाप्ति पर रोक लगाई जाय और जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में नए पदों को सृजित किया जाये, आउटसोर्सिंग एंव निजीकरण पर रोक लगाई जाये, तथा समान काम के लिए समान वेतन दिया जाय; मानदेय, संविदा, दैनिक कमीशन और ठेका पर काम कराने पर रोक लगायी जाय, ठेका प्रथा बंद की जाय तथा तत्काल ठेका श्रम (उन्मूलन एवं विनियमन) अधिनियम-1971 के नियम 25(2)(अ) के अनुसार मानदेय, संविदा, दैनिक, ठेका, कमीशन पर बहाल कर्मियों को नियमित कर्मियों के समान वेतन भत्ता और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं; पब्लिक सेक्टर और निजी क्षेत्र में कार्यरत सफाई कर्मियों को निकाय कर्मियों के समान ही वेतन भत्ता, पेंशन आदि सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाय, ईपीएफ एवं ईएसआई लागू किया जाय; श्रम अधिनियमों का शक्ति से पालन करते हुए निकाय कर्मियों, निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्रों के सफाई कर्मियों को नियमित वेतन भुगतान की गारंटी दी जाये, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाय; अनेक क्षेत्रों में आज भी मौजूद मैला ढोने की निकृष्टतम परम्परा पर तत्काल रोक लगाई जाय, मेनहोल में मजदूरों को न लगाकर मशीन के द्वारा सफाई आदि कार्य कराया जाय; सफाई कर्मियों के लिए आवास मुहैया की गारंटी की जाये, 6 घंटे की कार्यावधि रखी जाय, आवास भत्ता दिया जाय; कचरा सफाई में लगे सफाईकर्मियों के लिए अतिरिक्त पहनावे, दस्ताने, जूते आदि के साथ-साथ शरीर और कपड़ा सफाई हेतु तेल, साबुन, तौलिया दिये जाने का प्रावधान किया जाये; तत्काल मानदेय, संविदा, ठेका, जॉबकार्ड, कमीशन व दैनिक पुस्त पर कार्यरत अकुशल कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी 18000/- मासिक के साथ डीए सहित 10 प्रतिशत जोेखिम भरे काम को देखते हुए अतिरिक्त भत्ता दिया जाये.

सम्मेलन ने उपरोक्त मांगों के कार्यान्वयन पर दबाव बनाने और खासकर मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभिायान की पोल खोलने तथा सफाई कर्मियों की दुर्दशा को सामने लाने के लिये दिल्ली में मजदूरों की व्यापक गोलबंदी के आधार पर इस वर्ष के भीतर एक बड़ा कन्वेंशन करने का फैसला लिया.

सम्मेलन में 128 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की. अंत में, क्लिफ्टन रोजारियो के पर्यवेक्षण में 25-सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न हुआ. अध्यक्ष, उदय भट (महाराष्ट्र) और महासचिव, श्यामलाल प्रसाद (बिहार) चुने गए. उपाध्यक्षों में चुने गये - शशिकान्त मिश्र (बिहार), संतोष कुमार (उ0प्र0), चन्द्रकान्त गामरे (महाराष्ट्र), दशरथ  सिंधाली (गुजरात), एन.के. नटराजन (तमिलनाडु); सचिवों में चुने गये- जयप्रकाश नायर (छत्तीसगढ़), अनिल वर्मा (उ.प्र.), धीरज राठौड़ (महाराष्ट्र), निर्मला (कर्नाटक), चन्द्र शेखर कुमार (बिहार), मोख्तार अहमद खां (बिहार); सचिव सह कोषाध्यक्ष - चन्द्र किशोर प्रसाद (बिहार).

अन्त में नवनिर्वाचित कमेटी की ओर से पुणे महानगरपालिका कामगार यूनियन के पदाधिकारियों/कार्यकर्ताओं को, जिन्होंने दिन-रात अथक परिश्रम कर इस सम्मेलन को सफल किया, हार्दिक बधाई देते हुए अध्यक्ष उदय भट ने धन्यवाद दिया, और गगनभेदी नारों के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.