लॉकडाउन के कारण बेरोजगार सभी निर्माण मजदूरों को तत्काल राहत देने हेतु दिल्ली सरकार को प्रेषित स्मार पत्र

स्मार पत्र

सेवा में

मुख्यमंत्री / उप राज्यपाल

दिल्ली सरकार

 

विषय : लॉकडाउन के कारण बेरोजगार सभी निर्माण मजदूरों को तत्काल राहत देने हेतु

 

कोरोना वायरस के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दिल्ली में मजदूरों, खासकर दिहाड़ी और निर्माण मजदूरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. समाज में व्याप्त गैर बराबरी व सरकारी नीतियों के कारण खस्ता-हाल स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे के चलते, ये स्थिति विशेषकर मजदूर वर्ग के लिए बुरी होती जा रही है. निर्माण मजदूरों की हालत ऐसी नहीं है कि वे जीवन-यापन के जरूरी सामानों को इकट्ठा कर पाएं, उनके पास कोई संग्रहित कोष भी नहीं होता. दिल्ली के निर्माण मजदूरों की हालत पहले से ही खराब थी. प्रदूषण के नाम पर निर्माण मजदूरों को पहले भी कई बार बेरोजगार होना पड़ा है. दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के कारण भी निर्माण व अन्य मजदूरों/ किराएदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. गरीबों-मजदूरों के लिए बिना कोई उपाय किए लॉकडाउन करना दिल्ली और केंद्र की सरकारों के मजदूर-विरोधी रवैये को दर्शाता है. जहाँ एक ओर अमीर अपने घरों में सामान इकट्ठा कर रहे हैं, इन दिहाड़ी मजदूरों की भुखमरी की स्थिति हो चुकी है. जनवरी से ही कोरोना फैलने की सूचना मिलने लगी थी लेकिन सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रही और अचानक ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी. ज्यादातर निर्माण व अन्य मजदूर किराये के मकानों में रहते हैं, उनके पास किराये के पैसे तक नहीं हैं.

दिल्ली से चलने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया है - बिना राशन-पानी, मकान भाड़ा, ज़रूरी दवाइयों के मजदूर दिल्ली में फंसे हुए है, उनके पास खाने-पीने के लिए न तो धन है, और न ही जीवन यापन के लिए ज़रूरी बुनियादी सामान.

आज मजदूर ऐसे दोराहे पर खड़े है जहां एक ओर कोरोना से मौत संभावित है, वहीं पर दूसरी ओर भुखमरी के कारण. दिल्ली, ऐसे डिटेंशन सेंटर में तबदील हो चुकी है जहां पर मजदूर भुखमरी के कारण घुट-घुट कर मरने के लिए मजबूर हो रहे है. राजधानी दिल्ली का वैभव, चमकदमक एवं तथाकथित सरकारी पहलकदमी, दिहाड़ी मजदूरों की कब्रगाह पर खड़े प्रतीत हो रहे हैं. अतः हम आपसे निम्नलिखित मांग करते हैं :-

  1. सभी निर्माण मजदूरों को (पंजीकृत और गैर-पंजीकृत सभी को) तत्काल सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी के बराबर गुजारा भत्ता दिया जाए.
  2. कालाबाजारी-जमाखोरी के चलते हो रही असुविधा को देखते हुए, सभी निर्माण मजदूरों के घरों तक निशुल्क राशन, रसोई-गैस, एंटीसेप्टिक साबुन, मास्क, सैनीटाइज़र, मल्टी विटामिन और अन्य ज़रूरी सप्लिमेंटरी दवाइयां इत्यादि पहुंचाने की व्यवस्था शीघ्र की जाए.
  3. मजदूर बस्तियों में पीने व अन्य ज़रूरत लायक पानी और सफाई की पूरी व्यवस्था की जाए.
  4. मजदूर बस्तियों में सभी सावधानियों के साथ ‘कोरोना स्क्रीनिंग’ की व्यवस्था हो.
  5. लॉकडाउन के चलते फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए सभी उचित प्रबंध किए जाएं.
  6. अस्पताल में गरीबों-मजदूरों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं.
  7. कालाबाजारी-जमाखोरी पर रोक लगाईं जाए और सभी वस्तुओं के दामों को नियंत्रित किया जाए. कालाबाजारी-जमाखोरी करनेवालों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई हो.
  8. निर्माण व अन्य श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए.

महोदय गरीबों - मजदूरों को विकल्पहीन करने वाली स्थिति, आनेवाले दिनों में हालात को और खराब कर देगी. अतः आपसे अनुरोध है कि इन मांगों को तुरंत पूरा किया जाए.