धरना-प्रदर्शन-प्रतिरोध

भिलाई में स्टील वर्कर्स का प्रदर्शन

23 अक्टूबर, 2019 को सेंटर ऑफ स्टील वर्कर्स (संबद्ध ऐक्टू) के बैनर तले ठेका श्रमिकों को सालाना बोनस के अविलंब भुगतान की मांग को लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र के आईआर विभाग के सामने प्रदर्शन किया गया और आईआर के महाप्रबंधक श्री सूरज सोनी को ज्ञापन सौंपा गया. सौंपे गए ज्ञापन में बोनस की मांग को लेकर 5 अक्टूबर को सौंपे गए ज्ञापन पर प्रबंधन की आश्वस्ति की ओर पुनः ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा गया है कि लगभग 15 दिन बीत जाने के बावजूद ठेकेदारों ने श्रमिकों को अब तक सालाना बोनस का भुगतान नहीं किया है. प्रबंधन इसके बाद भी आश्चर्यजनक चुप्पी साधे हुए है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

तमिलनाडु में मजदूरों की भूख हड़ताल

पिछले दो महीनों से अधिक समय से तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित ‘मदरसन कम्पनी’ के मजदूरों की हड़ताल जारी है. मदरसन ऑटोमोटिव टेक्नलॉजी एंड इंजीनियरिंग (एमएटीई)-3 कम्पनी के पोंडूर प्लांट के मजदूरों ने यह हड़ताल 26 अगस्त 2019 से शुरू कर रखी है. इस हड़ताल के दौरान 18 अक्टूबर 2019 को मजदूरों ने समूचे दिन भूख-हड़ताल की. उनकी मांग है कि उनकी यूनियन को मान्यता दी जाए और मजदूरी तथा कारखाने की कार्य-स्थितियों में सुधार सम्बंधी मांगों पर वार्ता की जाए. उन्होंने यूनियन में भाग लेने के लिये मजदूरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की है.

प. बंगाल में ऐक्टू के नेतृत्व में परिवहन मजदूरों ने जीत हासिल की

पश्चिम बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के सैकड़ों परिवहन मजदूरों ने 26 सितम्बर 2019 को कॉरपोरेशन की वर्दी पहनकर कोलकाता की सड़कों पर मार्च किया. वे प्लेकार्ड और बैनरों से लैस थे और दुर्गा पूजा की पूर्व वेला में बोनस, समान काम के लिये समान वेतन, सालों भर जारी रहने वाले काम के लिये कैजुअल व ठेका मजदूरों की भर्ती पर पाबंदी लगाने, तमाम ठेका मजदूरों को नियमित करने और निजी ठेकेदारों को सब-कॅंट्रैक्ट पर काम देने की प्रथा बंद करने की मांगें बुलंद कर रहे थे.

दिल्ली में रेहड़ी-खोखा वालों का रोजगार मार्च

20 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 में रेहड़ी-खोखा-पटरी उजाड़ने के खिलाफ भाकपा-माले और ऐक्टू के नेतृत्व में ‘रोज़गार मार्च’ निकाला गया. मार्च में खोड़ा कालोनी, कल्याणपुरी, मंडावली, लक्ष्मीनगर समेत पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से रेहड़ी-खोखा-पटरी लगाने वालों ने हिस्सा लिया.

आशा कार्यकर्ता संघ का धरना

बिहार सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित सैकडों आशा कर्मियों ने बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (संबद्ध ऐक्टू एवं अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ-गोप गुट) के बैनर तले 22 अक्टूबर 2019 को राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरना दिया. धरना का नेतृत्व संघ की राज्य अध्यक्ष शशि यादव, पटना जिला सचिव पूनम कुमारी, ऐक्टू नेता रामबलि प्रसाद, रणविजय कुमार, आदि ने किया. आशा नेत्री रीना कुमारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.

झारखंड में मिड-डे मील कर्मियों का धरना

ऐक्टू से सम्बद्ध ‘‘झारखंड राज्य विद्यालय रसोईया संघ’’ ने सरकारी विद्यालय के रसोइया कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और तत्काल मासिक 18,000 रू. मानदेय भुगतान सहित 10-सूत्री मांगो को लेकर 19 सितम्बर 2019 रांची स्थित राजभवन के समक्ष धरना दिया. हाथों में झंडें, तख्तियां और बुलंद नारों के साथ देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, धनबाद, पलामू, गढ़वा, रांची, रामगढ़, कोडरमा समेत राज्य भर से बड़ी संख्या में रसोइया कर्मी धरना कार्यक्रम में शामिल हुए.

निर्माण मजदूरों ने रांची में श्रम भवन का घेराव किया 

श्रम कानूनों में मालिक-परस्त संशोधनों के खिलाफ और दिल्ली में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय श्रमिक कन्वेंशन के समर्थन में 30 सितम्बर 2019 को ऐक्टू से सम्बद्ध झारखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन ने रांची स्थित श्रम भवन, डोरंडा पर जोरदार प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में निर्माण मजदूरों ने अपने हाथों में तख्तियां और झंडे लेकर डोरंडा राजेंद्र चैक से मजदूर अधिकार रैली निकाली जो श्रम भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. रैली व सभा को यूनियन के महासचिव भुनेश्वर केवट और अध्यक्ष भुनेश्वर बेदिया ने संबोधित किया.

बिहार में आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन

भीषण वर्षा व खराब मौसम की परवाह न करते हुए पूरे बिहार में 30 सितम्बर 2019 को आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर धरना-प्रदर्शन किया और चिकित्सा प्रभारी को चार सूत्री मांगपत्र सौंपा.

ये प्रदर्शन राज्य भर में पीएचसी के समक्ष बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (संबद्ध गोपगुट व ऐक्टू) के बैनर तले आयोजित हुए. 

आंगनबाड़ी कर्मियों पर लाठीचार्ज का ऐक्टू द्वारा प्रतिवाद

16 अगस्त 2019 से झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ (संबद्ध सीटू) ने झाारखंड विधान सभा के समक्ष धरना आंदोलन शुरू किया था. विगत वर्ष राज्य सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने तथा मानदेय में वृद्धि करने की मांग पर ये आन्दोलन शुरू हुआ था. भाजपाई रघुवर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक नोटिस तो नहीं ही लिया, बल्कि 24 सितंबर को आयोजित उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दूसरी बार बर्बर लाठीचार्ज किया गया. 11 सितंबर 2019 को रांची में प्रधानमंत्री द्वारा नये विधान सभा परिसर उद्घाटन के कार्यक्रम के दौरान भी उनपर लाठीचार्ज हुआ था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. 

निजीकरण, नई पेंशन स्कीम व श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ लखनऊ और खुर्दा में जन कन्वेंशन

आईआरईएफ (इंडियन रेलवे इंप्लाईज फेडरेशन) से संबद्ध पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) वर्कर्स यूनियन तथा ऐक्टू की उत्तर प्रदेश इकाई के तत्वावधान में 15 सितंबर 2019 को लखनऊ में और ईस्ट कोस्ट रेलवे इंप्लाइज यूनियन तथा ऐक्टू की उड़ीसा इकाई के तत्वावधान में खुर्दा जंक्शन में 24 सितंबर को जन कन्वेंशनों का आयोजन किया गया. लखनऊ मे आयोजित कन्वेंशन के मुख्य वक्ता आईआरईएफ नेता व ‘फ्रंट अगेंस्ट न्यू पेंशन स्कीम इन रेलवे’ (एफएएनपीएसआर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा कि रेलवे, रक्षा, बैंक, बीमा, तेल सहित सार्वजनिक क्षेत्र के तमाम उपक्रमों को मोदी सरकार कॉरपोरेट घरानों के हवाले करना चाहती है.