धरना-प्रदर्शन-प्रतिरोध

भागलपुर में ई-रिक्शा चालकों ने डीएम के समक्ष दिया धरना

अपनी विभिन्न समस्याओं व मांगों को लेकर 16 जनवरी को ई-रिक्शा चालक यूनियन (संबद्ध ऐक्टू) के बैनर तले बड़ी संख्या में चालकों ने जिला पदाधिकारी, भागलपुर (बिहार) के समक्ष धरना दिया. धरना की अध्यक्षता यूनियन के अध्यक्ष सह ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने की.

झारखंड में रसोईयों का ‘‘वादा निभाओ’’ घरना 

28 दिसंबर को ऐक्टू से संबद्ध ‘‘झारखंड राज्य विद्यालय रसोईया संघ’’ के बैनर तले डाल्टेनगंज शहर में रसोइयों (मिड-डे मील कर्मियों) ने मार्च करते हुए जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय ‘‘वादा निभाओ’’ धरना कार्यक्रम आयोजित किया. 

पटियाला में कर्ज मुक्ति रैली

8 अक्टूबर 2020 को पटियाला में भाकपा-माले और ऐक्टू द्वारा ‘‘महिला कर्ज मुक्ति रैली’’ आयोजित कर मोदी सरकार पर राष्ट्रवाद और ‘आत्मनिर्भर’ भारत के नाम पर देश में कंपनी राज को फिर से लाने का आरोप लगाया. पटियाला के पुडा मैदान में आयोजित इस महिला कर्ज मुक्ति रैली में हजारों महिलाओं, किसानों, मजदूरों और युवाओं ने हिस्सा लिया. 

गुनुपुर खदान दुर्घटना में मारे गए मजदूरों को न्याय के लिये संघर्ष

गुनुपूर (उड़ीसा) के निकट 20 अक्टूबर को हुई खदान दुर्घटना में 3 मजदूर मारे गए. ऐक्टू के राज्य उपाध्यक्ष और भाकपा-माले नेता तिरूपति गोमांगो ने इस मामले को तत्काल उठाते हुए जांच की मांग की. सब-कलेक्टर और डीएम घटना स्थल पर पहंचे, और उन्होंने पाया कि ये मजदूर खदान विस्फोट में मारे गए और यहां कार्यरत मजदूरों को कोई सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी. इस अवैध खनन को बंद करने, ठेकेदारों की गिरफ्तारी और मारे गए हर मजदूर के परिवार वालों को 10 लाख और घायल मजदूरों को 50,000 रूपये का मुआवजा देने और जिम्मदार अधिकारियों के निलंबन की मांगे ऐक्टू ने उठाईं.

झुग्गिवासियों को उजाड़ने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ दिल्ली के वजीरपुर में चेतावनी भूख हड़ताल

पुनर्वास के बिना कोई बेदखली नहीं की घोषणा के साथ भाकपा-माले ने 48 हजार झुग्गियों को तोड़े जाने के हालिया निर्णय के खिलाफ 14 सितंबर 2020 से 48 घंटे की भूख हड़ताल शुरु की जिसमें पार्टी राज्य सचिव रवि राय के साथ शकुंतला देवी, सीता देवी, रामेश्वरी देवी, लरजरी देवी और सीता देवी (वजीरपुर झुग्गी निवासी पांच महिलाएं) भी शामिल हुईं.

पश्चिम बंगाल में मजदूरों का लॉंग मार्च

सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों के निजीकरण एवं विनिवेश, गुलामी के चार श्रम कोड, मंदी, छंटनी, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई, विभाजनकारी एनआरसी-सीएबी़, आदि रूपों में मोदी सरकार के हमलों के खिलाफ, 21,000रू. न्यूनतम मासिक मजदूरी, आदि मांगों को उठाने और इन तमाम सवालों पर आयोजित 8 जनवरी 2020 की देशव्यापी आम हड़ताल को जोरदार ढंग से सफल बनाने के लिये केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (बीएमएस और एआईयूटीयूसी को छोड़कर) के आह्वान पर प. बंगाल में मजदूरों समेत आम अवाम की भागीदारी के साथ ‘लॉंग मार्च’ (500 कि.मी.) का आयोजन हुआ है.

‘उद्योग बचाओ, मजदूर बचाओ’ मंच के आह्वान पर असम में राज्यव्यापी प्रदर्शन 

भाजपा सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ असम में 25 नवंबर 2019 के दिन प्रतिवादों का ज्वार आ गया. ये प्रतिवाद कार्यक्रम बिजली, जूट, कागज, पोलिएस्टर, उर्वरक और तेल समेत विभिन्न उद्योगों में कार्यरत ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ‘उद्योग बचाओ, मजदूर बचाओ’ के आह्वान पर हुए थे. असम में भाजपा सरकार के शासन में पिछले दो वर्षों के दौरान कई क्षेत्रों में कल-कारखाने बंद होते जा रहे हैं. अभी हाल ही में, जागीरोड और कछार पेपर मिल बंद कर दिए गए और नामरूप व सिलघट स्थित दो जूट मिल कभी भी बंद हो जा सकती हैं. असम राज्य बिजली बोर्ड, ‘नीपको’ और नुमालीगर रिफाइनरी पर निजीकरण की तलवार लटक रही है.

पटना में निर्माण मजदूरों का मुख्यमंत्री के समक्ष राज्यस्तरीय प्रदर्शन

ऐक्टू से संबद्ध बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के आह्वान पर 28 नवंबर 2019 को राज्य भर के हजारों निर्माण मजदूरों ने केंद्र सरकार से जुड़ी राष्ट्रीय मांगों, तथा सामाजिक सुरक्षा सहित लाभ की सभी योजनाओं को स्थानीय स्तर पर लागू करने में श्रम अधिकारियों के मनमाने रवैए पर रोक लगाने व जानबूझकर पैदा की गई जटिलताओं को दूर करने जैसी मांगों पर पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष रोषपूर्ण  राज्य-स्तरीय प्रदर्शन किया.

एआईसीडब्लूएफ के आह्वान पर 20 नवम्बर को आयोजित निर्माण मजदूरों का देशव्यापी विरोध् दिवस

ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्लूएफ, संबद्ध ऐक्टू) के आह्वान पर मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन, बढ़ती बेरोजगारी, आसमानछूती महंगाई तथा आरएसएस-भाजपा की सांप्रदायिक कार्रवाइयों के खिलाफ और निर्माण मजदूरों की मांगों को बुलंद करते हए 20 नवम्बर को निर्माण मजदूरों के अखिल भारतीय विरोध दिवस के तहत कई राज्यों में श्रम कार्यालयों/जिला अधिकारी कार्यालयों के समक्ष निर्माण मजदूरों ने प्रदर्शन एवं धरनों का आयोजन किया. इन प्रदर्शनों के माध्यम से राष्ट्रीय व राज्य विशेष मांगों के ज्ञापन सौंपे गए.